Friday, July 5, 2013

वो पहली बार जब हम मिले..........



rajesh & harsh yadav

लाइफ में प्यार सिर्फ एक बार ही होता है. मुझे भी हुआ. हालांकि हर कोई इतना खुशनसीब नहीं होता कि वह अपने पहले प्यार को पा ले. प्यार को उस मुकाम तक पहुंचा पाए जहां वो प्यार जीवनसाथी बन पहले प्यार के अहसास को हमेशा के लिए अमर कर दे. इस मामले में मैं खुद को लकी समझता हूं कि क्योंकि तमाम नोंकझोंक, खटठेमीठे पलों और गलतफहमियों  की संकरी गलियों से गुजरकर परवान चढा मेरा पहला प्यार आज मेरी पत्नी के रूप में मेरे साथ है.

बात उन दिनों की है जब 2004 में मैं इंटर की पढाई कर आगे की पढाई के लिए हमीरपुर दिल्ली आया था. एक छोटे शहर से दिल्ली जैसे महानगर में आकर एक नई दुनिया देखी. अर्जुन नगर इलाके में किराया का कमरा लिया था. कमरे की बालकनी में हमेशा सुबह उठकर अखबार के साथ कौफी पीने की आदत थी. रोज दिन की षुरुआत बालकनी, अखबार और कौफंी से होती थी. अभी ज्यादा दिन नहीं हुए थे. एक दिन मैं और मेरा दोस्त बालकनी में खडे गप्पें मार रहे थे. तभी गली के सामने वाले मकान की टेरिस पर एक खूबसूरत चेहरे की झलक दिखी. सुबहसुबह नींद से जागा चेहरा देखकर ऐसा लगा मानों मैं कहीें और आ गया हंू. पल पर भी उसे गौर से देख नहीं पाया था तभी मेरे पार्टनर की तेज हंसी से झेंपकर वह गायब हो गई. उसे पहली बार देखा था पर ऐसा लगा जैसे उससे कोई न कोई कनेक्षन जरूर है. उस समय तक लडकियां तो दिल्ली में खूब देखी थीं. पर किसी चेहरे पर नजर ऐसे नहीं रुकी थी. अब रोज रात को सोते समय सुबह होने की बेचैनी होती. जल्दी उठता और कौफी मग लेकर उसके दीदार के इंतजार में खडा हो जाता. कभी आती और कभी नहीं. पर मैं रोज इंतजार करता. यह सोचकर कि शायद कभी उसकी नजर मुझ पर पडे. यह सिलसिला कई दिनों से चल रहा था. दिल उसको ही खोजने में व्यस्त रहता था. जब भी आखें बंद करता था तो बस उसका ही मासूम व मुस्कुराता चेहरा दिखता. नीली आखों वाली वो लडकी मानों मुझमें बस गई थी.
दो महीने गुजर गए इस सिलसिले को. मैं उससे बिना कुछ कहे रोज बातें करता. पर उसकी तरफ से अब तक कोई रिस्पांस न आता देख बैचैनी हुई कि कहीं यह एकतरफा अट्रैक्ष्न तो नहीं है. जब भी वह दिखती तो दूर से उसकी आखों में आंखें डालकर पूछना चाहा कि उसके दिल में मेरे लिए कुछ है भी कि नहीं. एक दिन उसे दूर से ही इशारा करने की हिम्मत जुटाकर खडा हुआ पर इशारा कर नहीं पाया. थोडा डर और थोडी हिचक के चलते.

rajesh & harsh 

एक दिन आखिर मैंने उसे इशारे से अपनी तरफ देखने पर मजबूर कर ही दिया. उसके हावभाव को देख कर ऐसा लगा कि शायद वह भी मुझ नोटिस करती है. हिम्मत बढी और उससे नंबर मांगने का इशारा कर डाला. इशारों में ही मिलने का वक्त और समय भी तय हो गया.  उससे मिलने के लिए बेताबी से निकला पर भूल गया कि कोई मेरा पीछा कर रहा है. दूर खडी उस लडकी से नाम ही पूछ पाया था कि उसने इशारे में बताया कि पीछे कोई खडा है. डर था उसे कोई आंच न आए इसलिए उससे इतना ही कहा कि जाना है तो चली जाओ.वह सचमुच जाने लगी. दिल बैठ गया. तभी झटके से मुडकर उसने मुझे एक कागज का टुकडा थमाया और नजरों से ओझल हो गई. कागज में उसका नंबर था.
पहली ही मुलाकात ऐसी होगी, सोचा ना था.. लौटकर फोन किया तो नंबर बंद था. उस रात मैं सो नहीं पाया. उसके ही ख्यालों में खोया रहा. अजीब सा डर लग रहा था, उसको खोने का. अगला दिन मेरे लिए और भी बहुत बुरा था.  उस लडके ने उसके घरवालों तक बात पहंचा दी. मेरा तो कुछ खास नहीं बिगडा पर कई दिनों तक उस लडकी को बाहर आते नहीं देखा. एक दिन टेरिस के अंधेरे में उसका अक्स देखा. एक बार फिर फोन मिलाया. इस बार उससे बात हुई. प्यार की बात स्टार्ट होती कि उसने रोते हुए कहा कि तुम यहां से चले जाओ वरना बात आगे बढ जाएगी. मुझे झटका सा लगा. बहुत समझाया पर वो सहमी थी. हार मानकर भारी मन से वो कमरा छोडकर मैं कमला नगर, दिल्ली यूनीवर्सिटी आ गया. कई महीने गुजर गए. पहला प्यार इस कदर अंदर से तोड देगा सोचा नहीं था. न पढाई में मन लगता और न खाने पीने में. जुदाई के वो लम्हे काफी भारी थे.

आज सोचता हूं कि उस दिन अगर उसका फोन नहीं आया होता तो मंै दिल्ली छोड चुका होता. बेमन होकर मैंने दिल्ली छोडने का फैसला कर लिया था. तभी फोन बजा और फिर से वो आवाज सुनी. इस बार आवाज में सहमापन नहीं बल्कि मिलने की तडप थी. करीब 8 महीनों के बाद हम उस अधूरी मुलाकात के बाद मिले. कई षिकवा षिकायतों के बाद उसने बताया कि घर वालों की परमीशन से मैंने दिल्ली यूनिवर्सिर्टी से एक शार्टटर्म कोर्स में एडमिशन ले लिया है.

सुनकर खुषी से फला नहीं समाया. पहली नजर में दूर निगाहों और इशारों से षुरु हुआ वो पहला प्यार आज पहली बार खुली हवा में आजाद होकर साथ घूम रहा था. वो दिन था और उसके अगले तीन साल तक मैं उसके साथ लगभग हर पल जी रहा था. पढाई पूरी कर नौकरी की जिम्मेदारी थी ताकि उसे अधिकारिक तौर पर अपना सकूं. उसे पाने का जुननू ही था कि बहुत जल्द एक मीडिया फर्म में जौब लग गई. सेलरी ज्यादा नहीं थी पर मेरी सादगी और ईमानदारी उसके माता पिता को पसंद आई. दोनों के परिवारों और जातियों में कोई समानता नहीं थी फिर भी किसी दकियानूसी सोच ने हमारे को प्यार को शादी की दहलीज तक पहुंचने से नहीं रोका. आज दिल्ली के अर्जुन नगर की बालकनी से उसकी पहली झलक और तमाम उतारचढावों के गवाह अपने पहले प्यार को अपनी उर्जा का श्रोत मानकर अपनी प्रेयसी और पत्नी हह्र्य अरोडा के साथ नया और खुशहाल जीवन जी रहा हूं. उम्मीद ही नहीं आज पूरा विष्वास हो गया है कि कि सच्चा प्यार मुष्किलों से सही हासिल जरूर होता है.
                                                        



                                    

टीन एजर्स का बर्थडे टशन




आज के टीन एजर्स की लाइफ स्टाइल और कौन्फिडेंस देखकर अच्छेअच्छों को कौम्प्लेक्स हो जाता है. हाथ में हाइटेक गैजेट, गेम्स और व्हाटस अप डूड बोलते ये टीन एजर्स अब मम्मा ब्वाएज नहीं रहे. वे तो गर्लफेंड के साथ मूवी, शोपिंग मौल और रेस्तरां में मीटिंग करते हैं. कुछ अल्ट्रा मौडर्न टीन एजर्स तो पब्स, बार डिस्को में भी जाने से गुरेज नहीं करते हैं. मतलब यह है कि टीन एजर्स अपना ज्यादा से ज्यादा समय पार्टी में बिताना पसंद करते है. फिर चाहे वो न्यू इयर पार्टी हो, नाइट पार्टी, फेयरवेल, क्रिसमस, इग्जाम खत्म होने की खुशी में पार्टी हो या कोई और. फिर अगर बात बर्थ डे पार्टी हो तो सोने पे सुहागा. रात के 12 बजते ही बर्थ विश  करने का सिलसिला चालू हो जाता है. अपनी बर्थ पार्टी को खास अंदाज में मनाने के लिए टीन एजर्स स्पेश ल तैयारियां करते है. आइए जानते हैं कि टीन एजर्स अपने बर्थडे का टशन किस धमाकेदार अंदाज में दिखाते हैं और पार्टी की प्लानिंग कैसे करते हैं.

बर्थ डे डेस्टिनेशन
अब वो दिन गए जब टीन एजर्स घर में मम्मीपापा का आषीर्वाद लेकर जन्म दिन सादगी से मना लेते थे. अब तो गिफट ऐक्सचेंज कर सबके मुंह पर केक लगाकर मस्ती करते है. शोपिंग करते हैं. फूड कोर्ट में खाना खाते है. रेस्तरां, बैंक्वेट हौल, फन कोर्ट में पार्टी की बुकिंग करते हैं.
शहरों में मौल्स में फूड कोर्ट, फनकोर्ट, रेस्तरां, डिस्क में स्पेशल बर्थ डे पैकेज उपलब्ध कराए जाते हैं. कुछ टीन एजर्स अपने बडों की मदद से रेस्तरां या बैंक्वेट हौल में पार्टी प्लान करते है. यहां पहले से ही बुकिंग करानी पड़ती है. बुकिंग के बाद पार्टी की सारी जिम्मेदारी इन्हीं की होती है. सजावट से लेकर खानेपीने के इंतजाम जैसे केक, स्नैक्स, लंच या डिनर सब. एक ठीकठाक रेस्तरां में 10 से 15 लोगों के लिए 5 से 8000 रुपए का खर्च आ जाता है. जबकि बैंक्वेट हौल में यह खर्च ज्यादा होता है.
अगर बात फूड कोर्ट की करें तो यहां बाकायादा जन्मदिन की पार्टी के लिए विषेश पैकेज होते हैं. बस अपने दोस्तों की संख्या के मुताबिक पैकेज लेकर पार्टी प्लान करनी है. अमूमन 3000 से 5000 के बीच एक 10 लोगों का अच्छा पैकेेज मिल जाता है. जिसमे खाना और केक दोनों उपलब्ध होता है. आपकी टेबल बुक हो जाती हैं. वहीं फन कोर्ट में थोड़ा ज्यादा पैसा खर्च कर थोड़ी मस्ती भी कर सकते हैं. वहां तरह तरह के गेम्स और फन के कई औप्षन मौज्ूाद होते हैं. कुछ टीन एजर्स रेस्तरां मंें भी पार्टी के लिए बुकिंग करते हैं. वहां भी दोस्तों के साथ मनपंसद खाने के साथ पार्टी इंज्वाए की जा सकती है.
कुछ टीन एजर्स डिस्क में पार्टी करना पंसद करते हैं. इसके लिए शहरों के मौल्स के अलावा अन्य डिस्क में कुछ दिन पहले जाकर उपलब्धता चेक करनी होती है. अगर बुकिंग मिल जाए तो वहां केक काटने के अलावा डिस्क पर टीन एजर्स नाच गाकर मस्ती भरी पार्टी कर सकते हैं. लगभग 20 से 25 हजार रुपए में 40 से 50 लोगों की पार्टी और्गेनाइज हो जाती है. हालांकि कुछ डिस्क में तो सिर्फ एडल्ट ही अलाउड होते हैं.
अगर पैसा ज्यादा नहीं खर्च करना चाहते तो पार्टी सेलिब्रेट करने का सबसे अच्छा विकल्प अपना घर होता है. अपने घर में कमरों या रूफ पर भी पार्टी और्गेनाइज की जा सकती है. बाजार से सजावट की ऐसेसीरीज और बैलून लाकर खूबसूरती से सजाकर न सिर्फ सीमित बजट में  अच्छी पार्टी की जा सकती है बल्कि फुलटू मस्ती के लिए काफी स्पेस मिलता है. घर में पार्टी मनाने के कई और भी फायदे हैं. पहला इसमें कम खर्च होता है और दूसरा टाइम लिमिट नहीं होती. जब तक चाहो पार्टी करो. घर की पार्टी में फैमिली मेंबर भी शरीक हो सकते हैं.
फिर भी यदि बर्थडे पार्टी घर से दूर कहीं मनाना चाहते हैं तो सबसे पहले इसका स्थान निर्धारित कर लें. इस बात को सुनिश्चित बनाएं कि हर आमंत्रित मेहमान मित्र का नाम लिख लिया जाए ताकि उन्हें तय जगह पर पहुंचने में कोई दिक्कत न हो.

थीम बेस्ड पार्टी
टीन एजर्स में आजकल थीम बेस्ड पार्टी का क्रेज ज्यादा दिख रहा है. अगर कई बुंकिग पार्टी कर रहे हैं तो वहां की थीम फिक्स्ड होती हैं लेकिन अगर घर में पार्टी प्लान कर रहे हैं तो अपने मनमुताबिक थीम पार्टी की जा सकती है. फिल्मी ड्रेस कोड थीम रख सकते हैं. इसमें अपने फेवरेट हीरो के कास्टयूम पहनने पड़ते हैं.कुछ टीन एजर्स लडके और लडकियों को अलग अलग ड्रेस कोड देते हैं. गेम थीम पार्टी का भी अलग ही मजा है. तम्बोला, म्यूजिकल चेयर जैसे मस्ती भरे खेलों की थीम से पार्टी का मजा दोगुना हो जाता है. ढेर सारी मस्ती तो करते ही हैं साथ ही जो भी गेम्स में जीतता है उसे गिफट भी मिलते हैं. इसके अलावा क्राफ्ट प्रोजैक्ट्स, बाऊंस रूम किराए पर लेने तथा क्लाऊन जैसे थीम्स के विकल्प चुन सकते हैं.

केक हो खास
बिना केक के बर्थडे पार्टी संभव ही नहीं होती. जब तक केक न कट जाए पार्टी अधूरी ही रहती है. आजकल के टीएजर्स ऐसावैसा केक नहीं बल्कि स्टाइलिश  और डिजाइन षेप वाले केक काटना पसंद करते हैं. आप चाहें तो केक कुछ दिन पहले ही और्डर कर सकते हैं. 250 से 1000 रुपए में अच्छा से अच्छा केक मिल जाता है. कई बार इमरजेंसी में पार्टी प्लान करनी पड़ती है, जिससे केक खरीदने का समय नहीं मिल पाता, ऐसे में पिज्जा की तरह कई जगहों पर केक और्डर पर मंगाने की सुविधाएं हैं.
आजकल बटर स्कौच, चोको चिप, ब्लैक फोरेस्ट, स्ट्रोबेरी फ्रेश ड्राय फ्रूट, व्हाइट चैकलेट, कौफी केक, मार्बल केक और फ्रूट केक डिमांड में हैं. कई टीन एजर्स स्वाद से ज्यादा आकर्षक षेप को तवज्जो देते हैं. वे स्पाइडर मैन, बार्बी, बुक्स, गिटार, मिकी माउस, टेडी बियर के अलावा बर्थ डे ब्वाय की तसवीर वाला स्पेश ल केक खासे डिमांड में रहते हैं. ये आम आम केक की तुलना में महंगे होते हैं. अगर केक घर पर बनाना जाानते हैं और भी अच्छा है.



खयाल रखें पार्टी मैनर्स का
टीन एजर्स को सिर्फ पार्टी करना ही नहीं बल्कि पार्टी के तौर तरीकों को भी स्मार्ट तरीके से फौलो करना चाहिए. पार्टी में मस्त होकर अपने बडीज को नहीं भूलना चाहिए. बडे़ ही इनोवेटिव स्टाइल से दोस्तों का अपनी पार्टी में इनवाइट कर सभी को आने के लिए थैंक्स बोलना चाहिए और लौटते वक्त रिटर्न गिफ्ट भी देना पार्टी मैनर्स का अहम हिस्सा है. अगर पार्टी में किसी ड्रेसकोड की तैयारी है उसकी जानकारी पहले से ही सबको मैसेज कर दी जानी चाहिए. जरूरी नहीं है कि हर दोस्त गिफट लेकर पार्टी में आए. बिना गिफट वाले दोस्तों के साथ भी जोश  से मिला चाहिए. गिफट लाने का प्रैशर नहीं डाला जाना चाहिए. डांस के दौरान सबके फेवरेट गानों को प्ले करना दोस्तों को खुश  करता है. ऐसे ही कुछ मैनर्स होते हैं जो सभी टीन एजर्स अपने बर्थडे पार्टी के दौरान फौलो करने चाहिए.
  

सीमित बजट में फन
पार्टी का मजा जरूरी नहीं है तभी आए जब आप ढेर सारा पैसा खर्च करें. सीमित बजट में बेहतरीन बर्थ डे पार्टी मनाई जा सकती है. जरूरी है तो बस दोस्तों और फैमिली मेंबर की सलाह लेना. कोषिश  करें कि घर में ही पार्टी और्गेनाइज हो. जरूरी नहीं है कि पार्टी में ढेर सारे दोस्त आए. सिर्फ खास दोस्तों के साथ पार्टी मनाने के काफी बचत होगी. बिना वजह का दिखावा कर अतिरिक्त खाना या अन्य कोई चीज बरबाद न करें. बहुत मंहगे रिटर्न गिफट देना जरूरी नहीं है. ऐसे कुछ स्मार्ट तरीकों को अपना कर सीमित बजट में अच्छी बर्थ डे पार्टी सेलिब्रेट की जा सकती है.
इस तरह से आप सभी टीन एजर्स अपनी बर्थ डे पार्टी को जरा हटकर, यादगार और कंपलीट फिनिश  दे सकते हैं. तो आप भी तैयार हो जाइए एक मजेदार बर्थडे टीन एजर्स पार्टी के लिए जो लंबे समय तक सभी दोस्तों को याद रहे. तो फिर ...... नेक्सट बर्थ डे टीन कौन है ?

        जरा गौर करें
  •  पार्टी में ड्रिंक, स्मोंकिंग या किसी भी तरह का नषा न करें
  •  ऐसी जगह पार्टी का प्लान करें जो घर से बहुत दूर न हो
  •  बहुत देर तक हुड़दंग न करें
  •  ऐडवेंचर के चक्कर में खुद को चोट न पहुंचाएं
  •  पार्टी में अजनबियों को न षामिल करें
  •  दिखावे के नाम पर बहुत ज्यादा पैसे न उड़ाएं
  •  पार्टी कहीं भी करें पर मातापिता को जानकारी होनी चाहिए
  •  चलती गाड़ी में हंगामा न करें
  •  दोस्तों में बहसबाजी और लड़ाई झगड़ा न करें
  •  दोस्तों को चिढाना या छेड़खानी न करें



हौबी और करियर अनूठा संगम - गिफ्ट बौक्स पैकिंग, डिजाइनिंग और एनवलप डिजाइनिंग



आजकल के किशोर सिर्फ किताबी पढाई पर यकीन नहीं करते हैं. इन पर तो क्रिएटिव स्टफ का क्रेज चढा हुआ है. अब इनमें स्कूल की स्टडी के साथ-साथ कोई प्रोफेशनल कोर्स या हॉबी कोर्स करने की भी लालसा दिखाई देती है. षायद इसीलिए ये किषोर अब ऐसे हॉबी कोर्सेस का रुख कर रहे है, जहां से फन और लर्निग का मजा एक साथ उठा सकें. हम ऐसे ही फनलविंग किषारों को गिफ्ट पैकेजिंग और एनवलप डिजाइनिंग से रूबरू करा रहे हैं जो इन्हें न सिर्फ रचनात्मक संतुश्टि देगा बल्कि रोजगार का नया अवसर भी लेकर आएगा.



गिफ्ट बौक्स मेकिंग और पैकिंग 
कोई फेस्टिव सीजन हो, षादी हो या फिर वैलेंटाइन से लेकर चैकलेट डे.  इन सब दिनों में गिफ्ट लेने और देने की एक होड़ सी दिखाई देती है. असल में गिफ्ट्स का लेनदेन  आज फैशन बन चुका है. इसीलिए इसकी पैकिंग पर जोर दिया जाने लगा है. गिफ्ट पैकेजिंग एक हुनर है, कला है जो आज एक रचनात्मक करियर की षक्ल ले रहा है. गिफ्ट बौक्स की मेकिंग और पैकिंग किसी भी उपहार को खूबसूरती के साथ सामने वाले व्यक्ति के समक्ष पेश करने की कला है. इसीलिए कई किषारेर इस कला को सीख्ना चाहते हैं. आजकल गिफ्ट पैकेजिंग में कपड़ों, गहनों, टीका और फ्रूट थाली व डलिया, बुके, फलों, बर्तनों, मूर्तियों, पेंटिंग्स, खिलौनों, फ्रेम, चॉकलेट, मिठाई व अन्य खाने-पीने की चीजों की पैकिंग की जाती है. अगर आप भी चमकीले कागजों, रंग-बिरंगे रिबन, चटख रंगों के कपडों के अलावा क्रिस्टल और फूल पत्तियों की मदद से उपहार को खूबसूरत अंदाज दे सकते हैं तो गिफ्ट डिजाइनर के तौर पर करियर की संभावनाएं तलाश सकते हैं.

एनवलप डिजाइनिंग
गिफ्ट बौक्स मेकिंग और पैकिंग के अलावा एनवलप डिजाइनिंग सीखने के लिए भी किषोरों में खासी उत्सुकता दिखाई देती है. ईस्ट दिल्ली के राधेपुरी इलाके में क्राफट विला की संचालक वसुधा अरोड़ा अपने इंस्टटीटयूट में कई तरह के क्रिएटिव कोर्स करवाती हैं, इसमें एनवलप डिजाइनिंग भी षामिल है. इस कोर्स में वह एक ही एनवलप को कई तरह से डिजाइन करना सिखाती हैं. इसके अंतर्गत वह अपनी क्लास में लगभग आधे घंटे में दो तरह के मैटेरियल से बनने वाले एनवलप को डिजाइन करने का गुर सिखाती हैं. वह बताती हैं कि हम हम हैंडमेड सीट और टिस्यू पेपर के इस्तेमाल से एनवलप डिजाइन करते हैं. एनवलप डिजाइनिंग के लिए हैंडमेड षीट के अलावा फेवीबौंड, डेकोरेषंस मैटेरियल, मार्बल पाउडर, थर्माकौल फेवीकोल का पेस्ट वगैरह इस्तेमाल होते हैं. वहीं टिस्यू एनवलप डिजाइनिंग में टिस्यू फैबरिक और प्लास्टिक सीट और गोल्डन लेसेज यानी चमकीले रिबन और ग्ल्यूगम को प्रयोग में लाया जाता है. इन सब मैटेरियल से विभिन्न प्रकार के एनवलप डिजाइन हो सकते हैं. ये एनवलप कई आयोजनों खासतौर पर षादी के कार्यक्रमों में ज्यादा इस्तेमाल होते हैं. फिर चाहे वो सगुन के लिए रूपयों का लिफाफा हो या फिर रिष्तेदारों के लिए कपडों के उपहार. षादी के कार्ड के अलावा अलगअलग तरह के ग्रीटिंग कार्ड में भी एनवलप डिजाइनिंग का काम होता है. आमतौर पर किषोर ये सब 2 से 3 दिन  में सीख सकते हैं. फिर भी इसकी कई वैराइटी सीख्ने के लिए एक कोर्स भी होता है.

हौबी के साथ करियर भी 
दिल्ली में क्रिएटिव क्राफट नाम की संस्था चलाने वाली रितु दुआ कहती हैं कि बाजार में क्रिएटिव स्टाइल वाले गिफ्ट पैक्स की बढ़ती डिमांड की वजह से इस कोर्स को लेकर किषोरों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला है. रचनात्मक सोच वाले माता पिता भी बच्चों को इस तरह के कोर्सेसे के लिए प्रोत्साहित भी करते हैं. हमारी भी यहीं कोषिष रहती है कि इन किषोरों के हुनर को एक मुकाम तक पहुचाएं  और रही बात शैक्षिक योग्यता की तो इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आप हाईस्कूल और इंटरमीडिएट से ग्रेजुएट तक हो सकते है.  लेकिन इन सबके अलावा सबसे बडी योग्यता यही है कि आप क्रिएटिव हों और किसी भी चीज को और खूबसूरत रूप दे सकें.

पौकेट भी भरी रहेगी
गिफ्ट पैकेजिंग और एनवलप डिजाइनिंग का कोर्स करके कम से कम लागत पर  30 40 हजार रुपए प्रति माह तक कमाए सकते हैं. इसके अलावा आप गिफ्ट पैकिंग और डिजाइनिंग का काम करने वाले स्टूडियो में काम कर सकते हैं. खुद का स्टूडियो भी चला सकते हैं. आपको बर्थ-डे पार्टीज के अलावा शादियों जैसे आयोजनों पर भी गिफ्ट्स पैक करने का कांट्रेक्ट मिल सकता है.

जगह का चुनाव और रौ मेटेरियल का बाजार
गिफ्ट पैकेजिंग और एनवलप डिजाइनिंग का काम शुरू करने के लिए आप अपने घर के हौल भी इस्तेमाल कर सकते हैं. कोषिष यहीं करें कि आपका हौल या घर बाजार के नजदीक हो. आमतौर पर इस काम के लिए आपको शिपिंग रैप, ग्लू यानी फेविकोल, सेलो टेप, डेकोरेटिव मैटीरियल, बास्केट, कागज बॉक्स, गिफ्ट रैप पेपर, टैग, कैंची, सिफॉन, हैंडमेड पेपर, रिबन और एक टेबल या प्लेन मजबूत प्लाई या गत्ते आदि की जरूरत पड़ती है. ये रौ मैटीरियल सारा सामान आप पुरानी दिल्ली के किनारी बाजार से थोक, फुटकर मे खरीद सकते हैं. शॉपिंग बैग्स, ऑर्गेनिक कॉटन बेबी ब्लैकेंट, बीच टॉवल और ऑर्गेनिक कॉटन बाथ टॉवल से भी गिफ्ट पैकेजिंग और एनवलप डिजाइनिंग का काम होता है. इनके अलावा हैंडमेड पेपर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. यह हैंडमेड पेपर हाथी के गोबर और पत्तियों से भी बनाए जाते हैं. पेपर के अलावा आप पेट्रॉलियम बेस स्टिक टेप से भी अपना गिफ्ट पैक कर सकते हैं. साथ ही न्यूजपेपर को भी यूज कर सकते हैं.



कहां सीख सकते हैं
अगर गिफ्ट डिजाइनिंग और एनवलप डिजाइनिंग का कोर्स करना चाहते हैं तो कई प्राइवेट संस्थानों से इससे संबंधित छ से आठ महीनों का शॉर्ट टर्म कोस किया जा सकता है. 10 से 15 हजार रुपए में आप चाहें तो आसानी से यह कोर्स कर सकते हैं, जिसके लिए आपको डिप्लोमा सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा.  इसके लिए आपको पढाई छोडने की भी कोई जरूरत नहीं है. दिल्ली के कृश्णा नगर और प्रीत विहार में समर कैंप लगाकर बच्चों को गिफ्ट पैकेजिंग और एनवलप डिजाइनिंग का प्रशिक्षण देनी वाली हर्श यादव के मुताबिक अक्सर वैकेषंस में किषारों ंके सामने यह सवाल खडा हो जाता है कि वह वैकेषन में क्या करें. इसी सवाल के जवाब में मैं समर कैंप में किषोरों को एनवलप डिजाइनिंग और गिफ्ट पैकिंग का कोर्स करवाती हूं. इससे न सिर्फ बच्चों की वैकेषंस अच्छे से बीतती है, बल्कि उनमें एक ऐसा हुनर जाग जाता है जिसका इस्मेताल वो घर से लेकर रोजगार तक कहीं भी कर सकते हैं. हमारे कैंप में बेसिक पैकेजिंग के साथ मैटीरियल सोर्स, मार्केटिंग के गुण और पैकिंग से जुड़ी बारीकियां  भी सिखाई जाती हैं. इसके अलावा खादी ग्रामोद्योग द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान क्राफ्ट एंड सोशल डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन में 18 दिन का प्रशिक्षण दिया जाता है.

आजकल के उत्साही और इनर्जी से लबरेज किषोर पल पर में आसमान छूना चाहते हैं लेकिन इनके आसमान छूने की हसरत को पंख मिलते हैं इन क्रिएटिव हौबीज से, जो इनका करियर तो बनाती हैं साथ ही दुनिया को देखने का एक नया नजरिया भी देती हैं. बस अगर आप टीनेजर हैं और आपमें रुचि और हर सजावट की चीज को नए एंगल से देखने की लगन है तो समझ लीजिए आपे आसमान छूने के लिए तैयार है. गिफ्ट पैकेजिंग और एनवलप डिजाइनिंग का काम आपके हुनर पर निर्भर करता है. इस सीजन में आप भी अपने रचनात्मक पहलू को पंख दें और लर्न और फन को जिंदगी का नया फंडा बना लें.


प्रमुख संस्थान

क्रिएटिव क्राफट, रितु दुआ
56 डी , कमला नगर,
दिल्ली 110007
09811924932

क्राफट विला, वसुधा अरोडा
9 राधेपुरी एक्सटेंषन 1
दिल्ली 110051
09811320399

बहुउद्देशीय प्रशिक्षण केंद्र,
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग,
गांधी दर्शन, राजघाट, नई दिल्ली-110002
वेबसाइट- www-kvic-org-in

इंडियन इंस्टीटयूूट ऑफ पैकेजिंग
ई-2 एमआईडीसी एरिया, अंधेरी ईस्ट, मुंबई-93
बेवसाइट- www-iip&in-com

क्राफ्ट एंड सोशल डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन
3484ध्1, नारंग कॉलोनी, त्रिनगर, नई दिल्ली-110035 एवं
ई-61, लाजपत नगर-दो, फस्र्ट फ्लोर, नई दिल्ली-110024
बेवसाइट-www-candleclassesandmaterial-com

मैग्निफिसेंस एकेडमी ऑफ पैकेजिंग प्रोफेशनल
सी-91 भारत नगर, नई दिल्ली-110025
बेवसाइट  -www-mapp-co-in