भारतीय टीम में कई बड़े खिलाड़ी हैं और गैरी कर्स्टन ने ख़ुद को पृष्ठभूमि में रखते हुए उन खिलाड़ियों के साथ काम किया. ऐसे में डंकन फ्लेचर का रुख़ देखने वाला होगा और गैरी कर्स्टन के साथ उनकी तुलना भी शायद होती ही रहेगी. कुल मिलाकर भारत जिस तरह इतना क्रिकेट खेल रहा है, उसकी थकान का असर वेस्टइंडीज दौरे में तो दिखाई देगा ही, साथ ही शुरुआती मैचों में दिग्गज खिलाड़ियों की कमी भी खलेगी, लेकिन क्रिकेट के प्रशंसकों का पूरा मनोरंजन होना तय है.
इस बार के वेस्टइंडीज़ दौरे पर कई बदलाव देखने को मिलेंगे. मसलन, कई वरिष्ठ खिलाड़ियों को आराम दिया जाएगा और कई नए चेहरों को मैदान पर काफी दिनों बाद देखा जाएगा. वहीं गौतम गंभीर टीम की कमान पहली बार थामते नज़र आएंगे. हालांकि इससे फायदा यह होगा कि इस दौरे के बहाने कई नए चेहरों को अपनी काबिलियत दिखाने का मौक़ा मिल जाएगा. इस बार कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और सचिन तेंदुलकर सहित कुछ वरिष्ठ खिलाड़ियों को राष्ट्रीय क्रिकेट के चयनकर्ताओं ने वेस्टइंडीज़ दौरे के लिए वन डे सीरीज़ में आराम का मौक़ा दे दिया. ग़ौरतलब है कि इन वरिष्ठ खिलाड़ियों को आराम देने की नौबत ही क्यों आई. मामला सा़फ है, जब इन खिलाड़ियों से इतने कम अंतराल में ज़रूरत से ज़्यादा क्रिकेट खिलवाया जाएगा तो ऐसा होना लाज़िमी है. तमिलनाडु के बल्लेबाज़ एस बद्रीनाथ और बंगाल के विकेट कीपर रिद्धिमान साहा की 16 सदस्यीय टीम में वापसी हुई है. गंभीर को कप्तान बनाया गया है. उनकी अगुवाई वाली टीम में कर्नाटक के तेज गेंदबाज़ आर विनय कुमार को भी जगह मिली है, जबकि अमित मिश्रा, रोहित शर्मा और ईशांत शर्मा की वापसी हुई है. युवा सुरेश रैना को उप कप्तान बनाया गया है. बीसीसीआई सचिव एन श्रीनिवासन ने चयन समिति की बैठक के बाद टीम की घोषणा की, जिसमें लेग स्पिनर पीयूष चावला और तेज गेंदबाज़ एस श्रीसंत को शामिल नहीं किया गया. ये दोनों भारत की वर्ल्ड चैंपियन टीम का हिस्सा थे. धोनी, तेंदुलकर एवं तेज गेंदबाज़ ज़हीर ख़ान को वन डे और 20-20 मैच के लिए आराम दिया गया है, लेकिन ये तीनों टेस्ट सीरीज़ के लिए मौजूद रहेंगे. सीरीज की शुरुआत 4 जून को 20-20 मैच के साथ होगी, जिसके बाद 5 वन डे मैचों की सीरीज़ खेली जाएगी. पहला वन डे मैच 6 जून को होगा. 3 टेस्ट मैचों की सीरीज़ की शुरुआत 20 जून से होगी.
श्रीनिवासन ने कहा, धोनी, सचिन और ज़हीर ख़ान को आराम दिया गया है, लेकिन वे टेस्ट सीरीज़ के लिए उपलब्ध रहेंगे. वहीं सलामी बल्लेबाज़ वीरेंद्र सहवाग के नाम पर विचार नहीं किया गया, क्योंकि उन्हें कंधे का ऑपरेशन कराना है, जिसके कारण वह 6 हफ्तों तक क्रिकेट नहीं खेल पाएंगे. तेज गेंदबाज़ आशीष नेहरा के नाम पर भी विचार नहीं किया गया, क्योंकि वह वर्ल्डकप के दौरान उंगली में लगी चोट से उबर रहे हैं. आईपीएल में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे अंबाती रायडू को टीम में जगह नहीं मिली, क्योंकि चयनकर्ताओं ने उन पर अनुभवी बद्रीनाथ को तरजीह दी. बद्रीनाथ को आईपीएल और घरेलू टूर्नामेंट में अच्छे प्रदर्शन का ईनाम मिला है. उन्होंने रणजी टूर्नामेंट में 131 के औसत से 922 रन बनाए, जबकि आईपीएल में वह अब तक 349 रन बना चुके हैं. चयन समिति के अध्यक्ष के श्रीकांत के मुताबिक़, यह सर्वश्रेष्ठ संभावित टीम है. मुझे यक़ीन है कि टीम में अच्छा संतुलन रहेगा, टीम अच्छा प्रदर्शन करेगी और लय बरक़रार रखेगी. कोहनी में चोट के कारण वर्ल्डकप टीम से बाहर हुए प्रवीण कुमार की वापसी हुई है, जबकि पिछले साल अगस्त में श्रीलंका के ख़िला़फ अपना अंतिम वन डे खेलने वाले ईशांत को भी मौक़ा मिला है. रोहित को इस साल जनवरी में साउथ अफ्रीका के ख़िला़फ वन डे सीरीज़ में मौक़ा मिला था. इस 24 वर्षीय बल्लेबाज़ ने अब तक 61 वन डे मैचों में 27.13 के औसत से 1248 रन बनाए हैं. वहीं सबसे बड़ा सरप्राइज पैकेज पार्थिव पटेल के नाम पर मिला है. टीम इंडिया से एक बार बाहर होने के बाद टीम में वापसी करना बेहद टेढ़ी खीर होता है, लेकिन विकेट कीपर बल्लेबाज़ पार्थिव पटेल ने यह कर दिखाया है. पहले वर्ल्डकप के संभावितों में और अब वेस्टइंडीज़ दौरे की वन डे सीरीज़ के लिए चयन ने पार्थिव के करियर को पुनर्जीवित कर दिया है. चयनकर्ताओं ने साहा और पार्थिव पटेल के रूप में दो विकेटकीपरोंको चुना है. धोनी की ग़ैर मौजूदगी में टीम की कमान गंभीर के हाथों में होगी, जिनकी अगुवाई में पिछले साल टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को 5-0 से रौंदा था. उम्मीद के मुताबिक़, ऑल राउंडर की भूमिका यूसुफ पठान निभाएंगे. वेस्टइंडीज दौरे के लिए टीम के चयन को लेकर भी कई सवाल खड़े होते हैं. मसलन, रोहित शर्मा को टीम में क्यों शामिल किया गया? क्या उनके पीछे कोई बड़ा हाथ है? रोबिन उथप्पा एवं अंबाती रायडू में से किसी एक को शामिल जाना चाहिए था, लेकिन उन्हें शामिल न करने के पीछे कोई ठोस कारण नहीं दिए गए. इऱफान पठान को भी टीम में शामिल किया जाना चाहिए था. कुछ लोगों का आरोप है कि चयन समिति जानबूझ कर इरफ़ान को नज़रअंदाज़ कर रही है और उनका भविष्य ख़राब कर रही है. ख़ैर जो भी हो, चयन को लेकर तो हमेशा सवाल उठते रहते हैं, पर टीम तो चयनित हो चुकी है.
ये तो रहे टीम के बदलाव. अब एक और बड़े बदलाव पर ग़ौर कीजिए. भारत की वर्ल्डकप विजेता टीम में बतौर कोच अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कोच यानी गुरु गैरी कर्स्टन इस बार नदारद रहेंगे. ग़ौरतलब है कि वर्ल्डकप के बाद उनका कार्यकाल ख़त्म हो गया था और अटकलें लगाई जा रही थीं कि उन्हें दोबारा कोच की भूमिका में देखा जा सकता है, लेकिन ऐसा हुआ नहीं और उनकी जगह ली फ्लेचर ने. अगर फ्लेचर के बारे में बात की जाए तो उनसे भी काफी उम्मीदें रहेंगी. ग़ौरतलब है कि फ्लेचर ने इंग्लैंड को वेस्टइंडीज़ में 36 सालों बाद जीत दिलाई थी और फिर न्यूजीलैंड के विरुद्ध भी इंग्लैंड ने जीत का स्वाद चखा. इतना ही नहीं, उनके साथ इंग्लैंड ने दक्षिण अफ्रीका को भी 2-1 से हराया, मगर वन डे में इंग्लैंड के ख़राब फॉर्म के चलते उनकी आलोचना हुई और 2007 के विश्वकप से इंग्लैंड के बाहर होने के बाद फ्लेचर ने इंग्लैंड के साथ आठ वर्ष का अपना कार्यकाल समाप्त किया. जबकि गैरी कर्स्टन के साथ भारतीय टीम टेस्ट में नंबर एक टीम बनी और उसने विश्वकप भी जीता. ऐसे में उनकी तुलना गैरी से होना स्वाभाविक है. साथ ही टेस्ट में भारत नंबर एक टीम है और फ्लेचर की चुनौती उसे वहां बरक़रार रखना होगा.
वन डे में भारतीय टीम मौजूदा विश्व चैंपियन है और रैंकिंग में दूसरे नंबर पर है. भारत को अब कई विदेशी दौरे करने हैं और उसका विदेशी धरती पर प्रदर्शन अपने यहां के मुक़ाबले कमज़ोर रहता आया है. ऐसे में फ्लेचर को वहां भारत के प्रदर्शनों पर पैनी निगाह रखनी होगी. भारत को वेस्टइंडीज दौरे के बाद इंग्लैंड जाना है और फिर वर्ष के अंत में ऑस्ट्रेलियाई दौरा भी प्रस्तावित है यानी भारत की कड़ी परीक्षा आने वाली है. इसके अलावा भारत का पूरा कैलेंडर काफ़ी व्यस्त है, जिसकी वजह से दो सीरीज़ के बीच में उन्हें टीम के साथ किसी तरह के अभ्यास शिविर का भी कोई बड़ा मौक़ा शायद ही हाथ लगे. भारतीय टीम में कई बड़े खिलाड़ी हैं और गैरी कर्स्टन ने ख़ुद को पृष्ठभूमि में रखते हुए उन खिलाड़ियों के साथ काम किया. ऐसे में डंकन फ्लेचर का रुख़ देखने वाला होगा और गैरी कर्स्टन के साथ उनकी तुलना भी शायद होती ही रहेगी. कुल मिलाकर भारत जिस तरह इतना क्रिकेट खेल रहा है, उसकी थकान का असर वेस्टइंडीज दौरे में तो दिखाई देगा ही, साथ ही शुरुआती मैचों में दिग्गज खिलाड़ियों की कमी भी खलेगी, लेकिन क्रिकेट के प्रशंसकों का पूरा मनोरंजन होना तय है.
टीम
गौतम गंभीर (कप्तान), सुरेश रैना (उपकप्तान), पार्थिव पटेल एवं रिद्धिमान साहा (दोनों विकेट कीपर), विराट कोहली, युवराज सिंह, एस बद्रीनाथ, रोहित शर्मा, हरभजन सिंह, आर अश्विन, प्रवीण कुमार, ईशांत शर्मा, मुनाफ पटेल, आर विनय कुमार, यूसुफ पठान और अमित मिश्रा.
कार्यक्रम
20-20 सीरीज
4 जून-क्वींस पार्क ओवल, पोर्ट ऑफ स्पेन, त्रिनिदाद
वन डे सीरीज
पहला वन डे-6 जून-क्वींस पार्क ओवल, पोर्ट ऑफ स्पेन, त्रिनिदाद
दूसरा वन डे-8 जून-क्वींस पार्क ओवल, पोर्ट ऑफ स्पेन, त्रिनिदाद
तीसरा वन डे-11 जून-सर विवियन रिचर्ड्स, नॉर्थ साउंड, एंटीगुआ
चौथा वन डे- जून-सर विवियन रिचड्र्स, नॉर्थ साउंड, एंटीगुआ
पांचवां वन डे-15 जून-सबीना पार्क, किंग्सटन, जमैका
टेस्ट सीरीज
पहला टेस्ट-20 से 24 जून-सबीना पार्क, किंग्सटन, जमैका
दूसरा टेस्ट-28 जून से 2 जुलाई-केंसिंग्टन ओवल, ब्रिज टाउन, बार्बादोस
तीसरा टेस्ट-10 से 14 जुलाई-विंडसोर पार्क, डोमिनिका
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