भारत में सैकड़ों भाषाएं बोली जाती हैं, लेकिन हर भाषा को सरकारी दर्ज़ा हासिल नहीं होता है. हालांकि, किसी भी भाषा को दर्ज़ा मिलने का पैमाना उस भाषा को बोलने वालों की संख्या पर भी निर्भर करता है. अगर इस आधार पर भी उस भाषा को उसका दर्ज़ा हासिल न हो तो इसे अन्याय नहीं कहेंगे तो और क्या कहेंगे. इसी अन्याय की शिकार भोजपुरी भी है. भोजपुरी को लेकर आज उत्तर भारत समेत संपूर्ण विश्व में चाहे जितने ज़ोर-शोर से बातें की जाएं, लेकिन यह सारी बातें तब तक निरर्थक हैं जब तक हिंदुस्तान में बोली के रूप में सिसक रही भोजपुरी को भाषा का दर्ज़ा दिलाने की सही लड़ाई नहीं लड़ी जाएगी. लेकिन अब कुछ लोग आगे आए हैं, जिन्होंने भोजपुरी को उसका अधिकार दिलाने के लिए कमर कस ली है.
इसमें राइटर्स एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन(डब्ल्यूएजेए) का नाम प्रमुख है. बदलते दौर में यदि भाषा की बात करनी है तो निश्चित रूप से बातूनी कटघरों को तोड़ इस भाषा के साहित्य को आगे लाकर भोजपुरी भाषा का प्रचार-प्रसार करना होगा. और इसके लिए भिखारी ठाकुर तथा उनकी रचनाओं से बड़ा हथियार भला और क्या हो सकता है? इसी को ध्यान में रखते हुए देश के समस्त रचनाकारों के सम्मान-स्वाभिमान एवं विभिन्न भाषा-साहित्य के विकास हेतु दृढ़ संकल्पित राष्ट्रीय स्तर पर रचनाकारों-पत्रकारों का साझा मंच राइटर्स एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन(डब्ल्यूएजेए) इस मामले में बेहद गंभीर है.
इसीलिए वह भोजपुरी के उत्थान हेतु कार्य कर रहे प्रबुद्धजनों व संस्थाओं का इस संबंध में खुला समर्थन करता है. पिछले दिनों 18 दिसंबर 2010 को भिखारी ठाकुर के जन्मदिवस पर पटना में देश के भविष्य आईआईटियंस को प्रमोट कर रही विजन क्लासेज के साथ राइटर्स एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने अपनी संयुक्त प्रेस कांफ्रेस में यह घोषणा की थी कि भिखारी ठाकुर को नई पीढ़ी के समक्ष सही ढंग से प्रस्तुत कर उनके साहित्य को वैश्विक प्लेटफॉर्म पर लाने की ज़रूरत है. इसके लिए प्रसिद्ध भोजपुरी गायिका कल्पना अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट द लीगेसी ऑफ भिखारी ठाकुर के माध्यम से एक सार्थक पहल कर रही हैं.
भविष्य में ऐसी अनेक पहल शुरू हों और भिखारी ठाकुर व उनके साहित्य के ज़रिए भोजपुरी भाषा मान्यता की राह में कुछ क़दम आगे बढ़ सके. इसी को ध्यान में रखते हुए राइटर्स एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने पटना की यह कांफ्रेंस नई पीढ़ी की नई सोच व स्थानीय स्तर पर इस पहल को समर्थन देने वाले जनांदोलन की पहली कड़ी के रूप में की. पटना व मुंबई के बाद तीसरे चरण में राइटर्स एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन आगामी 15 मार्च 2011 को कला मंदिर, थियेटर रोड कोलकाता में भिखारी ठाकुर फेस्टिवल का आयोजन कर रहा है. जिसमें भिखारी ठाकुर व उनके विचार साहित्य को आगे बढ़ाने वाली देश की कई प्रख्यात हस्तियों को सम्मानित किया जाएगा और भोजपुरी साहित्य में भिखारी ठाकुर के योगदान पर संपूर्ण चर्चा की जाएगी. इसी तरह राइटर्स एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने वाईबी चौहान सेंटर, नरीमन प्वाइंट, मुंबई में राष्ट्रीय स्तर पर लेखकों-पत्रकारों के स्नेह सम्मेलन के दौरान महाराष्ट्र, गुजरात एवं मध्य प्रदेश अध्यक्षों की उपस्थिति तथा महाराष्ट्र के गृहमंत्री आर.आर.पाटिल, माया गोविंद (प्रख्यात रचनाकार) समेत कई दिग्गज हस्तियों की मौजूदगी में हिंदुस्तान की समस्त क्षेत्रीय भाषाओं को मज़बूत बनाने का आह्वान करते हुए कल्पना के सम्मान के ज़रिए भोजपुरी व भिखारी ठाकुर की तऱफ भी राष्ट्रीय स्तर पर लोगों का ध्यान केंद्रित किया.
पटना व मुंबई के बाद तीसरे चरण में राइटर्स एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन आगामी 15 मार्च 2011 को कला मंदिर, थिएटर रोड कोलकाता में भिखारी ठाकुर फेस्टिवल का आयोजन कर रहा है. जिसमें भिखारी ठाकुर व उनके विचार साहित्य को आगे बढ़ाने वाली देश की कई प्रख्यात हस्तियों को सम्मानित किया जाएगा और भोजपुरी साहित्य में भिखारी ठाकुर के योगदान पर संपूर्ण चर्चा की जाएगी. इस समारोह में विश्व भोजपुरी उत्थान सेवा संस्थान समेत कई स्थानीय संस्थाएं तथा कई बड़ी इवेंट कंपनियां राइटर्स एंड जर्नलिस्ट एसोशिएशन के कंधे से कंधा मिलाते हुए इस पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान कर रही हैं. मुंबई से उक्त बयान जारी करते हुए राइटर्स एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव शिवेंद्र प्रकाश द्विवेदी के मुताबिक़ कोलकाता का यह भिखारी ठाकुर फेस्टिवल कई मायनों मे बहुत खास है. सर्वाधिक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि राजाराम मोहन राय और विवेकानंद जैसी प्रतिभाओं ने कोलकाता में ही नव जागरण का पाठ सीख कर समूचे भोजपुरी भाषियों को अपने क्रांतिकारी विचारों से अभिसिंचित किया था. ऐसे में भोजपुरियों के चहेते शहर कोलकाता में होने वाला यह भिखारी ठाकुर फेस्टिवल न केवल भोजपुरी बेल्ट में नई क्रांति लाएगा बल्कि कई मायनों में ऐतिहासिक भी होगा. जिस तरह से लोग एकजुट हुए हैं, उसे देखकर तो यही लगता है कि इस भिखारी फेस्टिवल के ज़रिए भोजपुरी की आवाज़ सही तरीक़े से उठेगी. -