Tuesday, July 27, 2010

वर्ल्‍ड कप पर भारी बाबा पॉल



स्‍पेन फीफा विश्व कप 2010 का चैंपियन भले ही बना हो, पर स्टार बनकर उभरा ऑक्टोपस पॉल. आलम यह रहा कि दुनिया भर के मीडिया ने मैच की सटीक भविष्यवाणियों के लिए ऑक्टोपस पॉल की जितनी चर्चा की, उतनी तो किसी खिलाड़ी, टीम या उसके प्रदर्शन को लेकर भी नहीं की. मैच खत्म होते ही ऑक्टोपस बाबा का गुणगान कुछ यूं हुआ, जैसे जीत के असली हक़दार खिलाड़ी न होकर ऑक्टोपस बाबा हों. प्रिंट मीडिया और टीवी चैनलों के अलावा कई बड़ी हस्तियां भी बाबा के जयगान में शामिल हुईं.

सब के सब यही बता रहे थे कि बाबा ने 100 फीसदी सही कहा था. बहुत ही कम लोग स्पेन की मेहनत और संघर्ष को जीत का श्रेय देते हुए दिखे. इसमें कोई दो राय नहीं है कि ऑक्टोपस पॉल की लगभग सभी भविष्यवाणियां सच साबित हुई हैं, लेकिन उसकी एक भविष्यवाणी ग़लत भी साबित हुई. इससे इतना तो साबित होता ही है कि भविष्यवाणियां स़िर्फ अंदाज़ की गणित पर चलती हैं. कभी-कभी यह गणित कुछ ज़्यादा ही सटीक बैठ जाती है, लेकिन इसे सार्वभौमिक सत्य मान लेना बेवकूफी से ज़्यादा कुछ और नहीं है. बाबा की इन भविष्यवाणियों के चलते मैच के कई टि्‌वस्ट और बेहतरीन मूवमेंट अनदेखे कर दिए गए.

मैच आ़खिरी वक्त तक सस्पेंस के घेरे में रहा. हालांकि सट्टेबाजों और अंकशास्त्रियों की नज़र में स्पेन शुरू से ही खिताब का प्रबल दावेदार रहा,  स्विट्जरलैंड के हाथों पहले मैच में मात खाने के बाद कुछ संशय ज़रूर हुआ, लेकिन स्पेन ने बहुत तेज़ी से वापसी की. फाइनल के दौरान नारंगी और नीली जर्सी पहने ये दोनों टीमें खेल रही थीं तो उनके जोश को देखकर ऐसा लग रहा था कि कोई भी टीम दूसरी टीम की रक्षा पंक्ति को तोड़कर गोल नहीं कर पाएंगी, लेकिन दूसरे अतिरिक्त पंद्रह मिनटों के दौरान स्पेन के आंद्रेस इनीइस्ता ने खेल के 116वें मिनट में गोल कर टीम का दामन खुशियों से भर दिया. स्पेन 12 साल के लंबे अंतराल के बाद विश्व कप चैंपियन बना. रविवार की रात मैच शुरू होने से पहले मेजबान देश दक्षिण अफ्रीका की आज़ादी के महानायक नेल्सन मंडेला की मौजूदगी में दर्शकों का ज़ोश देखते ही बन रहा था.



उनके ज़ोश और तालियों की गड़गड़ाहट के बीच स्पेन ने अपनी बादशाहत दुनिया भर के सामने रख दी. यूरो चैंपियन स्पेन ने अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप प्रदर्शन करके हॉलैंड को अतिरिक्त समय में 1-0 से हराकर फुटबॉल का नया चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया. पहली बार चैंपियन बने स्पेन को इस जीत से तीन करोड़ डॉलर बतौर पुरस्कार राशि हासिल हुए, जबकि उप विजेता हॉलैंड को दो करोड़ 40 लाख डॉलर पर ही संतोष करना पड़ा. तीसरे स्थान पर रहे जर्मनी को दो करोड़ डॉलर की पुरस्कार राशि हासिल हुई. मैच आ़खिरी वक्त तक सस्पेंस के घेरे में रहा. हालांकि सट्टेबाजों और अंकशास्त्रियों की नज़र में स्पेन शुरू से ही खिताब का प्रबल दावेदार रहा,  स्विट्जरलैंड के हाथों पहले मैच में मात खाने के बाद कुछ संशय ज़रूर हुआ, लेकिन स्पेन ने बहुत तेज़ी से वापसी की. फाइनल के दौरान नारंगी और नीली जर्सी पहने ये दोनों टीमें खेल रही थीं तो उनके जोश को देखकर ऐसा लग रहा था कि कोई भी टीम दूसरी टीम की रक्षा पंक्ति को तोड़कर गोल नहीं कर पाएंगी, लेकिन दूसरे अतिरिक्त पंद्रह मिनटों के दौरान स्पेन के आंद्रेस इनीइस्ता ने खेल के 116वें मिनट में गोल कर टीम का दामन खुशियों से भर दिया. इस मैच में रेफरी होवार्ड वेब ने कुल 14 येलो कार्ड दिखाए.

 यह किसी भी वर्ल्ड कप फाइनल में दिखाए गए सबसे ज़्यादा येलो कार्ड हैं. ऐसे ही कई दिलचस्प पहलुओं के साथ खत्म हुआ यह फाइनल मैच बाबा ऑक्टोपस की भविष्यवाणियों की चर्चा में धुंधला गया. अब कहा जा रहा है कि ऑक्टोपस बाबा संन्यास ले रहे हैं. यानी अब बाबा भविष्यवाणी नहीं करेंगे. आगे का तो पता नहीं, लेकिन इस द़फा बाबा वर्ल्ड कप पर ज़रूर भारी पड़ गए.

क्लीन बोल्ड 
पॉल बाबा की भविष्यवाणी एक बार ग़लत भी साबित हो चुकी है. यूरो कप 2008 के फाइनल में ऑक्टोपस ने स्पेन के खिला़फ जर्मनी को विजेता बताया था, पर जर्मनी जीत नहीं सका.

ट्रिक
यह जानने के लिए कि कौन सी टीम जीतेगी, ऑक्टोपस के जार में दो टीमों के फ्लैग वाले प्लास्टिक के बक्से उतारे जाते हैं. ऑक्टोपस दोनों बक्सों में से किसी एक में बैठ जाते हैं. बाबा जिस बक्से पर बैठते हैं, अंतत: वही टीम विजेता बनती है. यानी जिस बक्से में बाबा बैठे, समझो उसी को उनका आशीर्वाद मिल गया. अभी तक जिसे आशीर्वाद मिला है, वह टीम जीती है. सेमी फाइनल मुक़ाबले की भविष्यवाणी के लिए जब स्पेन और जर्मनी के झंडे वाले दो बक्सों को जार में उतारा गया तो ऑक्टोपस बाबा पहले दोनों बक्सों पर बैठ गए, पर अंत में फैसला स्पेन के पक्ष में गया.

सत्य वचन
स्पेन की जीत से पहले सर्बिया और जर्मनी के बीच ग्रुप मुक़ाबले में पॉल ने सर्बिया की जीत की भविष्यवाणी की थी. जर्मनी यह मैच 0-1 से हार गया था. शेष सभी मैचों में ऑक्टोपस ने जर्मनी की जीत की भविष्यवाणी की थी, जो सही साबित हुईं. पॉल बाबा ने खिताब के प्रबल दावेदार अर्जेंटीना के खिला़फ क्वार्टर फाइनल में भी जर्मनी की जीत की भविष्यवाणी की थी. लोग यकीन नहीं कर पा रहे थे, क्योंकि डिएगो माराडोना की टीम जिस धुरंधर फॉर्म में खेल रही थी, उसमें उसे हरा पाना काफी मुश्किल था, लेकिन जर्मनी ने एकतरफा मुक़ाबले में अर्जेंटीना को 4-0 से रौंदकर पॉल बाबा की भविष्यवाणी सच साबित कर दी.